क्रिकेट में बांग्लादेश और वेस्टइंडीज की बड़ी टीमों पर जीत से आखिर कांग्रेस क्यों है खुश!
क्रिकेट में बांग्लादेश और वेस्टइंडीज की बड़ी टीमों पर जीत से आखिर कांग्रेस क्यों है खुश!
बात कांग्रेस के वर्तमान राजनीतिक हालात की करें, तो जबसे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बीजेपी की कमान संभाली है तब से कांग्रेस की स्थिति काफी खराब है.
हाल ही में क्रिकेट जगत में दो बड़े उलटफेर हुए हैं. जहां एक ओर बांग्लादेश ने टेस्ट क्रिकेट की सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाकर सनसनी फैला दी, वहीं इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही बेहद कमजोर वेस्टइंडीज टीम ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर पटखनी दे डाली. जाहिर है इस जीत से दोनों ही कमजोर टीमों के फैन्स काफी खुश और रोमांचित हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इससे भारत की बड़ी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस क्यों खुश नजर आ रही है. इसका खुलासा उस समय हुआ जब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर इसका जिक्र कर दिया. हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इसके पीछे वजह क्या है...
सबसे पहले अगर बात कांग्रेस के वर्तमान राजनीतिक हालात की करें, तो जबसे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बीजेपी की कमान संभाली है तब से कांग्रेस का बुरा हाल हो गया है. इन दोनों के नेतृत्व में बीजेपी ने कांग्रेस को कई मोर्चों पर पराजित किया है और कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने भी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. देखा जाए तो इस समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिरा हुआ नजर आ रहा है. इसके लिए उनको मनौवैज्ञानिक सपोर्ट की जरूरत नजर आ रही है.
संभवतः इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए बांग्लादेश और वेस्टइंडीज जैसी कमजोर टीमों की जीत पर खुशी का इजहार किया है और पार्टी को इशारों में खास संदेश भी दिया है. चिदंबरम के संदेश से लग रहा है कि वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इससे सबक लेने को कह रहे हैं.
चिदंबरम ने लिखा है, 'बांग्लादेश ने ऑस्ट्रेलिया को हराया, वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को. सीख- कुछ भी असंभव नहीं'
कांग्रेस पहले भी कर चुकी है वापसी
चिदंबरम के संदेश में कांग्रेस के लिए एक ही मंत्र है कि कुछ भी असंभव नहीं होता. मतलब अगर पूराप्रयास किया जाए तो बड़े से बड़े दिग्गज को भी हराया जा सकता है. चिदंबरम की इस बात में दम तो है. 1967 को ही लीजिए उस समय कांग्रेस 9 राज्यों में सत्ता से बाहर हो गई थी, फिर पार्टी ने वापसी की और इंदिरा गांधी को 1971 में भारी बहुमत मिला था.
चिदंबरम के संदेश में कांग्रेस के लिए एक ही मंत्र है कि कुछ भी असंभव नहीं होता. मतलब अगर पूराप्रयास किया जाए तो बड़े से बड़े दिग्गज को भी हराया जा सकता है. चिदंबरम की इस बात में दम तो है. 1967 को ही लीजिए उस समय कांग्रेस 9 राज्यों में सत्ता से बाहर हो गई थी, फिर पार्टी ने वापसी की और इंदिरा गांधी को 1971 में भारी बहुमत मिला था.
एमरजेंसी के समय भी माना जा रहा था कि कांग्रेस की वापसी मुश्किल होगी, लेकिन 1977 में हार के तीन साल बाद पार्टी ने वापसी कर ली थी. 90 का दशक भी कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं रहा, लेकिन 2004 में कांग्रेस ने फिर सत्ता संभाली और 10 साल देश पर शासन किया. मतलब कांग्रेस के लिए चिदंबरम की यह नसीहत काम आ सकती है.
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